@rahat-indori
Rahat Indori shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Rahat Indori's shayari and don't forget to save your favorite ones.
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काम सब ग़ैर-ज़रूरी हैं जो सब करते हैं
और हम कुछ नहीं करते हैं ग़ज़ब करते हैं
दोस्ती जब किसी से की जाए
दुश्मनों की भी राय ली जाए
दिलों में आग लबों पर गुलाब रखते हैं
सब अपने चेहरों पे दोहरी नक़ाब रखते हैं
लोग हर मोड़ पे रुक रुक के सँभलते क्यूँ हैं
इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यूँ हैं
न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा
हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा
अपने दीवार-ओ-दर से पूछते हैं
घर के हालात घर से पूछते हैं
मुझे डुबो के बहुत शर्मसार रहती है
वो एक मौज जो दरिया के पार रहती है
सबब वो पूछ रहे हैं उदास होने का
मिरा मिज़ाज नहीं बे-लिबास होने का
चमकते लफ़्ज़ सितारों से छीन लाए हैं
हम आसमाँ से ग़ज़ल की ज़मीन लाए हैं
फ़ैसले लम्हात के नस्लों पे भारी हो गए
बाप हाकिम था मगर बेटे भिकारी हो गए