दिए बुझे हैं मगर दूर तक उजाला है
दिए बुझे हैं मगर दूर तक उजाला है
ये आप आए हैं या दिन निकलने वाला है
ख़्याल में भी तेरा अक़्स देखने के बाद
जो शख़्स होश गंवा दे वो दोश वाला है
जवाब देने के अन्दाज़ भी निराले हैं
सलाम करने का अन्दाज़ भी निराला है
सुनहरी धूप है सदक़ा तेरे तबस्सुम का
ये चाँदनी तेरी परछाईं का उजाला है
है तेरे पैरों की आहट ज़मीन की गर्दिश
ये आसमां तेरी अंगड़ाई का हवाला है