@parveen-shakir
Parveen Shakir shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Parveen Shakir's shayari and don't forget to save your favorite ones.
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पैरों की मेहँदी मैंने
किस मुश्किल से छुड़ाई थी
वही नर्म लहजा
जो इतना मुलाएम है जैसे
सब्ज़ मद्धम रौशनी में सुर्ख़ आँचल की धनक
सर्द कमरे में मचलती गर्म साँसों की महक
इस उम्र के बाद उस को देखा!
आज की शब तो किसी तौर गुज़र जाएगी
रात गहरी है मगर चाँद चमकता है अभी
मैं क्यूँ उस को फ़ोन करूँ!
उस के भी तो इल्म में होगा
अपने बिस्तर पे बहुत देर से मैं नीम-दराज़
सोचती थी कि वो इस वक़्त कहाँ पर होगा
मुसाहिब-ए-शाह से कहो कि
फ़क़ीह-ए-आज़म भी आज तस्दीक़ कर गए हैं
गुड़िया सी ये लड़की
जिस की उजली हँसी से
'पत्थर की ज़बाँ'' की शाएरा ने
इक महफ़िल-ए-शेर-ओ-शायरी में