Shayari Page
NAZM

गुड़िया सी ये लड़की

गुड़िया सी ये लड़की

जिस की उजली हँसी से

मेरा आँगन दमक रहा है

कल जब सात समुंदर पार चली जाएगी

और साहिली शहर के सुर्ख़ छतों वाले घर के अंदर

पूरे चाँद की रौशनी बन कर बिखरेगी

हम सब उस को याद करेंगे

और अपने अश्कों के सच्चे मोतियों से

सारी उम्र

इक ऐसा सूद उतारते जाएँगे

जिस का अस्ल भी हम पर क़र्ज़ नहीं था!

Comments

Loading comments…