@parveen-shakir
Parveen Shakir shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Parveen Shakir's shayari and don't forget to save your favorite ones.
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गए मौसम में जो खिलते थे गुलाबों की तरह
दिल पे उतरेंगे वही ख़्वाब अज़ाबों की तरह
बादबाँ खुलने से पहले का इशारा देखना
मैं समुंदर देखती हूँ तुम किनारा देखना
अब इतनी सादगी लाएँ कहाँ से
ज़मीं की ख़ैर माँगें आसमाँ से
बिछड़ा है जो इक बार तो मिलते नहीं देखा
इस ज़ख़्म को हम ने कभी सिलते नहीं देखा
बारिश हुई तो फूलों के तन चाक हो गए
मौसम के हाथ भीग के सफ़्फ़ाक हो गए
मुश्किल है कि अब शहर में निकले कोई घर से
दस्तार पे बात आ गई होती हुई सर से
इक हुनर था कमाल था क्या था
मुझ में तेरा जमाल था क्या था
अक्स-ए-ख़ुशबू हूंबिखरने से न रोके कोई
और बिखर जाऊंतो मुझ को न समेटे कोई
ग़ज़लों का हुनर अपनी आँखों को सिखाएँगे
रोएँगे बहुत लेकिन आँसू नहीं आएँगे
बख़्त से कोई शिकायत है न अफ़्लाक से है
यही क्या कम है कि निस्बत मुझे इस ख़ाक से है