हुज़ूर-ए-शाह में अहल-ए-सुख़न की आज़माइश है
हुज़ूर-ए-शाह में अहल-ए-सुख़न की आज़माइश है
चमन में ख़ुश-नवायान-ए-चमन की आज़माइश है

@mirza-ghalib
Contemporary poet of sher, ghazal, and nazm — weaving emotion and rhythm into words loved across the Hindi–Urdu world. Contemporary poet of sher, ghazal, and nazm — weaving emotion and rhythm into words loved across the Hindi–Urdu world. Contemporary poet of sher, ghazal, and nazm — weaving emotion and rhythm into words loved across the Hindi–Urdu world.
Followers
0
Content
288
Likes
0
हुज़ूर-ए-शाह में अहल-ए-सुख़न की आज़माइश है
चमन में ख़ुश-नवायान-ए-चमन की आज़माइश है
इब्न-ए-मरियम हुआ करे कोई
मेरे दुख की दवा करे कोई
इश्क़ तासीर से नौमेद नहीं
जाँ-सिपारी शजर-ए-बेद नहीं
जब ब-तक़रीब-ए-सफ़र यार ने महमिल बाँधा
तपिश-ए-शौक़ ने हर ज़र्रे पे इक दिल बाँधा
हुजूम-ए-नाला हैरत आजिज़-ए-अर्ज़ यक-अफ़्ग़ाँ है
ख़मोशी रेशा-ए-सद-नीस्ताँ से ख़स-ब-दंदाँ है
जब तक दहान-ए-ज़ख़्म न पैदा करे कोई
मुश्किल कि तुझ से राह-ए-सुख़न वा करे कोई
जादा-ए-रह ख़ुर को वक़्त-ए-शाम है तार-ए-शुआअ'
चर्ख़ वा करता है माह-ए-नौ से आग़ोश-ए-विदा'अ
जहाँ तेरा नक़्श-ए-क़दम देखते हैं
ख़याबाँ ख़याबाँ इरम देखते हैं
जराहत-तोहफ़ा अल्मास-अर्मुग़ाँ दाग़-ए-जिगर हदिया
मुबारकबाद 'असद' ग़म-ख़्वार-ए-जान-ए-दर्दमंद आया
जौर से बाज़ आए पर बाज़ आएँ क्या
कहते हैं हम तुझ को मुँह दिखलाएँ क्या
जिस बज़्म में तू नाज़ से गुफ़्तार में आवे
जाँ कालबद-ए-सूरत-ए-दीवार में आवे
हम पर जफ़ा से तर्क-ए-वफ़ा का गुमाँ नहीं
इक छेड़ है वगरना मुराद इम्तिहाँ नहीं
जिस जा नसीम शाना-कश-ए-ज़ुल्फ़-ए-यार है
नाफ़ा दिमाग़-ए-आहु-ए-दश्त-ए-ततार है
हो गई है ग़ैर की शीरीं-बयानी कारगर
इश्क़ का उस को गुमाँ हम बे-ज़बानों पर नहीं
है वस्ल हिज्र आलम-ए-तमकीन-ओ-ज़ब्त में
माशूक़-ए-शोख़ ओ आशिक़-ए-दीवाना चाहिए
है किस क़दर हलाक-ए-फ़रेब-ए-वफ़ा-ए-गुल
बुलबुल के कारोबार पे हैं ख़ंदा-हा-ए-गुल
है सब्ज़ा-ज़ार हर दर-ओ-दीवार-ए-ग़म-कदा
जिस की बहार ये हो फिर उस की ख़िज़ाँ न पूछ
हैराँ हूँ दिल को रोऊँ कि पीटूँ जिगर को मैं
मक़्दूर हो तो साथ रखूँ नौहागर को मैं
हर क़दम दूरी-ए-मंज़िल है नुमायाँ मुझ से
मेरी रफ़्तार से भागे है बयाबाँ मुझ से
हरीफ़-ए-मतलब-ए-मुश्किल नहीं फ़ुसून-ए-नियाज़
दुआ क़ुबूल हो या रब कि उम्र-ए-ख़िज़्र दराज़