जराहत-तोहफ़ा अल्मास-अर्मुग़ाँ दाग़-ए-जिगर हदिया
जराहत-तोहफ़ा अल्मास-अर्मुग़ाँ दाग़-ए-जिगर हदिया
मुबारकबाद 'असद' ग़म-ख़्वार-ए-जान-ए-दर्दमंद आया
जुनूँ गर्म इंतिज़ार ओ नाला बेताबी कमंद आया
सुवैदा ता ब-लब ज़ंजीरी दूद सिपंद आया
मह अख़्तर फ़शाँ की बहर इस्तिक़बाल आँखों से
तमाशा किश्वर आईना में आईना बंद आया
तग़ाफ़ुल बद-गुमानी बल्कि मेरी सख़्त जानी से
निगाह बे हिजाब नाज़ को बीम गज़ंद आया
फ़ज़ा ख़ंदा गुल तंग ओ ज़ौक़ ऐश बे पर्दा
फ़राग़त गाह आग़ोश विदाअ' दिल पसंद आया
अदम है ख़ैर ख़्वाह जल्वा को ज़िंदान बेताबी
ख़िराम नाज़ बर्क़ ख़िरमन सई सिपंद आया