@shariq-kaifi
Shariq Kaifi shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Shariq Kaifi's shayari and don't forget to save your favorite ones.
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यूँ भी सहरा से हम को रग़बत है
बस यही बे-घरों की इज़्ज़त है
हैं अब इस फ़िक्र में डूबे हुए हम
उसे कैसे लगे रोते हुए हम
भीड़ में जब तक रहते हैं जोशीले हैं
अलग अलग हम लोग बहुत शर्मीले हैं
कहाँ सोचा था मैं ने बज़्म-आराई से पहले
ये मेरी आख़िरी महफ़िल है तन्हाई से पहले
पहली बार वो ख़त लिक्खा था
जिस का जवाब भी आ सकता था
दिलों पर नक़्श होना चाहता हूँ
मुकम्मल मौत से घबरा रहा हूँ
निगाह नीची हुई है मेरी
ये टूटने की घड़ी है मेरी
अजब शिकस्त का एहसास दिल पे छाया था
किसी ने मुझ को निशाना नहीं बनाया था
बरसों जुनूँ सहरा सहरा भटकाता है
घर में रहना यूँही नहीं आ जाता है
बे-तकल्लुफ़ मिरा हैजान बनाता है मुझे
सामने तेरे कहाँ बोलना आता है मुझे