@khalil-ur-rehman-qamar
Khalil Ur Rehman Qamar shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Khalil Ur Rehman Qamar's shayari and don't forget to save your favorite ones.
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आँख में नम तक आ पहुँचा हूँ
उसके ग़म तक आ पहुँचा हूँ
ख़िलाफ़-ए-शर्त-ए-अना था वो ख़्वाब में भी मिले
मैं नींद नींद को तरसा मगर नहीं सोया
ख़्वाब पलकों की हथेली पे चुने रहते हैं
कौन जाने वो कभी नींद चुराने आए
तुम भी वैसे थे मगर तुम को ख़ुदा रहने दिया
इस तरह तुम को ज़माने से जुदा रहने दिया
कुछ न रह सका जहाँ विरानियाँ तो रह गईं
तुम चले गए तो क्या कहानियाँ तो रह गईं
मेरी बरसों की उदासी का सिला कुछ तो मिले
उस से कह दो वो मेरा क़र्ज़ चुकाने आए
मैं समझा था तुम हो तो क्या और माँगू
मेरी ज़िन्दगी में मेरी आस तुम हो
तेरे दिल के निकाले हम कहाँ भटके कहाँ पहुँचे
मगर भटके तो याद आया भटकना भी ज़रूरी था