SHER•9/10/2024तेरे दिल के निकाले हम कहाँ भटके कहाँ पहुँचेBy Khalil Ur Rehman QamarLikeShareReportHindiEnglishतेरे दिल के निकाले हम कहाँ भटके कहाँ पहुँचेमगर भटके तो याद आया भटकना भी ज़रूरी था