ख़िलाफ़-ए-शर्त-ए-अना था वो ख़्वाब में भी मिले
ख़िलाफ़-ए-शर्त-ए-अना था वो ख़्वाब में भी मिले
मैं नींद नींद को तरसा मगर नहीं सोया
ख़िलाफ़-ए-मौसम-ए-दिल था कि थम गई बारिश
ख़िलाफ़-ए-ग़ुर्बत-ए-ग़म है कि मैं नहीं रोया
ख़िलाफ़-ए-शर्त-ए-अना था वो ख़्वाब में भी मिले
मैं नींद नींद को तरसा मगर नहीं सोया
ख़िलाफ़-ए-मौसम-ए-दिल था कि थम गई बारिश
ख़िलाफ़-ए-ग़ुर्बत-ए-ग़म है कि मैं नहीं रोया