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मेरी बरसों की उदासी का सिला कुछ तो मिले

मेरी बरसों की उदासी का सिला कुछ तो मिले

उस से कह दो वो मेरा क़र्ज़ चुकाने आए

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मेरी बरसों की उदासी का सिला कुछ तो मिले — Khalil Ur Rehman Qamar • ShayariPage