आँख में नम तक आ पहुँचा हूँKhalil Ur Rehman Qamar@khalil-ur-rehman-qamarआँख में नम तक आ पहुँचा हूँउसके ग़म तक आ पहुँचा हूँपहली बार मुहब्बत की थीआख़री दम तक आ पहुँचा हूँ