@abrar-kashif
Abrar Kashif shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Abrar Kashif's shayari and don't forget to save your favorite ones.
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अगर तुम हो तो घबराने की कोई बात थोड़ी है
ज़रा सी बूँदा-बाँदी है बहुत बरसात थोड़ी है
मंज़िलों का कौन जाने रहगुज़र अच्छी नहीं
उसकी आँखें ख़ूबसूरत है नज़र अच्छी नहीं
अब तो लगता है कि आ जाएगी बारी मेरी
किसने दे दी तेरी आँखों को सुपारी मेरी
दिन में मिल लेते कहीं रात ज़रूरी थी क्या?
बेनतीजा ये मुलाक़ात ज़रूरी थी क्या
घर की तक़सीम में अँगनाई गँवा बैठे हैं
फूल गुलशन से शनासाई गँवा बैठे हैं
हर एक लफ़्ज़ के तेवर ही और होते हैं
तेरे नगर के सुख़नवर ही और होते हैं
मेरा अरमान मेरी ख़्वाहिश नहीं है
ये दुनिया मेरी फ़रमाइश नहीं है
अब के हम तर्क-ए-रसूमात करके देखते हैं
बीच वालों के बिना बात करके देखते हैं
करती है तो करने दे हवाओं को शरारत
मौसम का तकाज़ा है कि बालों को खुला छोड़
अपने दिल में बसाओगे हमको
और गले से लगाओगे हमको