घर की तक़सीम में अँगनाई गँवा बैठे हैं

घर की तक़सीम में अँगनाई गँवा बैठे हैं

फूल गुलशन से शनासाई गँवा बैठे हैं


बात आँखों से समझ लेने का दावा मत कर

हम इसी शौक़ में बीनाई गँवा बैठे हैं