अब के हम तर्क-ए-रसूमात करके देखते हैं

अब के हम तर्क-ए-रसूमात करके देखते हैं

बीच वालों के बिना बात करके देखते हैं


इससे पहले कि कोई फ़ैसला तलवार करे

आख़िरी बार मुलाक़ात करके देखते हैं