SHER•
हर एक लफ़्ज़ के तेवर ही और होते हैं
By Abrar Kashif
हर एक लफ़्ज़ के तेवर ही और होते हैं
तेरे नगर के सुख़नवर ही और होते हैं
तुम्हारी आँखों में वो बात ही नहीं ऐ दोस्त
डुबोने वाले समंदर ही और होते हैं
हर एक लफ़्ज़ के तेवर ही और होते हैं
तेरे नगर के सुख़नवर ही और होते हैं
तुम्हारी आँखों में वो बात ही नहीं ऐ दोस्त
डुबोने वाले समंदर ही और होते हैं