हर एक लफ़्ज़ के तेवर ही और होते हैं
हर एक लफ़्ज़ के तेवर ही और होते हैं
तेरे नगर के सुख़नवर ही और होते हैं
तुम्हारी आँखों में वो बात ही नहीं ऐ दोस्त
डुबोने वाले समंदर ही और होते हैं
हर एक लफ़्ज़ के तेवर ही और होते हैं
तेरे नगर के सुख़नवर ही और होते हैं
तुम्हारी आँखों में वो बात ही नहीं ऐ दोस्त
डुबोने वाले समंदर ही और होते हैं