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सितारे और क़िस्मत देख कर घर से निकलते हैं

सितारे और क़िस्मत देख कर घर से निकलते हैं

जो बुज़दिल हैं मुहूरत देखकर घर से निकलते हैं

हमें लेकिन सफ़र की मुश्किलों से डर नहीं लगता

कि हम बच्चों की सूरत देखकर घर से निकलते हैं

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सितारे और क़िस्मत देख कर घर से निकलते हैं — Abrar Kashif • ShayariPage