पोंछ कर अश्क अपनी आँखों से मुस्कुराओ तो कोई बात बने
पोंछ कर अश्क अपनी आँखों से मुस्कुराओ तो कोई बात बने
सर झुकाने से कुछ नहीं होता सर उठाओ तो कोई बात बने

@sahir-ludhianvi
Contemporary poet of sher, ghazal, and nazm — weaving emotion and rhythm into words loved across the Hindi–Urdu world. Contemporary poet of sher, ghazal, and nazm — weaving emotion and rhythm into words loved across the Hindi–Urdu world. Contemporary poet of sher, ghazal, and nazm — weaving emotion and rhythm into words loved across the Hindi–Urdu world.
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पोंछ कर अश्क अपनी आँखों से मुस्कुराओ तो कोई बात बने
सर झुकाने से कुछ नहीं होता सर उठाओ तो कोई बात बने
फ़न जो नादार तक नहीं पहुँचा
अभी मेयार तक नहीं पहुँचा
सज़ा का हाल सुनाएँ जज़ा की बात करें
ख़ुदा मिला हो जिन्हें वो ख़ुदा की बात करें
सदियों से इंसान ये सुनता आया है
दुख की धूप के आगे सुख का साया है
संसार की हर शय का इतना ही फ़साना है
इक धुँद से आना है इक धुँद में जाना है
जुर्म-ए-उल्फ़त पे हमें लोग सज़ा देते हैं
कैसे नादान हैं शोलों को हवा देते हैं
इतनी हसीन इतनी जवाँ रात क्या करें
जागे हैं कुछ अजीब से जज़्बात क्या करें
मेरी तक़दीर में जलना है तो जल जाऊँगा
तेरा वादा तो नहीं हूँ जो बदल जाऊँगा
हवस-नसीब नज़र को कहीं क़रार नहीं
मैं मुंतज़िर हूँ मगर तेरा इंतिज़ार नहीं
अब आएँ या न आएँ इधर पूछते चलो
क्या चाहती है उन की नज़र पूछते चलो
भूले से मोहब्बत कर बैठा, नादाँ था बेचारा, दिल ही तो है
हर दिल से ख़ता हो जाती है, बिगड़ो न ख़ुदारा, दिल ही तो है
तिरी दुनिया में जीने से तो बेहतर है कि मर जाएँ
वही आँसू वही आहें वही ग़म है जिधर जाएँ
मोहब्बत तर्क की मैं ने गरेबाँ सी लिया मैं ने
ज़माने अब तो ख़ुश हो ज़हर ये भी पी लिया मैं ने
भड़का रहे हैं आग लब-ए-नग़्मागर से हम
ख़ामोश क्या रहेंगे ज़माने के डर से हम
देखा है ज़िंदगी को कुछ इतना क़रीब से
चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से
मिलती है ज़िंदगी में मोहब्बत कभी कभी
होती है दिलबरों की इनायत कभी कभी
दूर रह कर न करो बात क़रीब आ जाओ
याद रह जाएगी ये रात क़रीब आ जाओ
बरबाद-ए-मोहब्बत की दुआ साथ लिए जा
टूटा हुआ इक़रार-ए-वफ़ा साथ लिए जा
तुम अपना रंज-ओ-ग़म अपनी परेशानी मुझे दे दो
तुम्हें ग़म की क़सम इस दिल की वीरानी मुझे दे दो
देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने क़रीब से
चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से