फ़न जो नादार तक नहीं पहुँचा

फ़न जो नादार तक नहीं पहुँचा

अभी मेयार तक नहीं पहुँचा


उस ने बर-वक़्त बे-रुख़ी बरती

शौक़ आज़ार तक नहीं पहुँचा


अक्स-ए-मय हो कि जल्वा-ए-गुल हो

रंग-ए-रुख़्सार तक नहीं पहुँचा


हर्फ़-ए-इंकार सर बुलंद रहा

ज़ोफ़-ए-इक़रार तक नहीं पहुँचा


हुक्म-ए-सरकार की पहुँच मत पूछ

अहल-ए-सरकार तक नहीं पहुँचा


अद्ल-गाहें तो दूर की शय हैं

क़त्ल अख़बार तक नहीं पहुँचा


इन्क़िलाबात-ए-दहर की बुनियाद

हक़ जो हक़दार तक नहीं पहुँचा


वो मसीहा-नफ़स नहीं जिस का

सिलसिला-दार तक नहीं पहुँचा