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GHAZAL

तिरी दुनिया में जीने से तो बेहतर है कि मर जाएँ

तिरी दुनिया में जीने से तो बेहतर है कि मर जाएँ

वही आँसू वही आहें वही ग़म है जिधर जाएँ

कोई तो ऐसा घर होता जहाँ से प्यार मिल जाता

वही बेगाने चेहरे हैं जहाँ जाएँ जिधर जाएँ

अरे ओ आसमाँ वाले बता इस में बुरा क्या है

ख़ुशी के चार झोंके गर इधर से भी गुज़र जाएँ

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