@javed-akhtar
Javed Akhtar shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Javed Akhtar's shayari and don't forget to save your favorite ones.
Followers
0
Content
123
Likes
मैं जब भी
ज़िंदगी की चिलचिलाती धूप में तप कर
किसी का हुक्म है सारी हवाएँ
हमेशा चलने से पहले बताएँ
अजीब आदमी था वो
मोहब्बतों का गीत था
मैं बंजारा
वक़्त के कितने शहरों से गुज़रा हूँ
मैं भूल जाऊँ तुम्हें
अब यही मुनासिब है
मिरे मुख़ालिफ़ ने चाल चल दी है
और अब
मैं अक्सर सोचता हूँ
ज़ेहन की तारीक गलियों में
शाम होने को है
लाल सूरज समुंदर में खोने को है
करोड़ों चेहरे
और उन के पीछे
जब वो कम-उम्र ही था
उस ने ये जान लिया था कि अगर जीना है