@ameer-imam
Ameer Imam shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Ameer Imam's shayari and don't forget to save your favorite ones.
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यूँ मिरे होने को मुझ पर आश्कार उस ने किया
मुझ में पोशीदा किसी दरिया को पार उस ने किया
ख़ुद को हर आरज़ू के उस पार कर लिया है
हम ने अब उस का साया दीवार कर लिया है
ये किसी शख़्स को खोने की तलाफ़ी ठहरा
मेरा होना मिरे होने में इज़ाफ़ी ठहरा
शहर में सारे चराग़ों की ज़िया ख़ामोश है
तीरगी हर सम्त फैला कर हवा ख़ामोश है
मज़ीद इक बार पर बार-ए-गिराँ रक्खा गया है
ज़मीं जो तेरे उपर आसमाँ रक्खा गया है
नींद के बोझ से पलकों को झपकती हुई आई
सुब्ह जब रात की गलियों में भटकती हुई आई
कोई ख़ुशी न कोई रंज मुस्तक़िल होगा
फ़ना के रंग से हर रंग मुत्तसिल होगा
कभी तो बनते हुए और कभी बिगड़ते हुए
ये किस के अक्स हैं तन्हाइयों में पड़ते हुए
जो अब जहान-ए-बरहना का इस्तिआरा हुआ
मैं ज़िंदगी तिरा इक पैरहन उतारा हुआ
मद्धम हुई तो और निखरती चली गई
ज़िंदा है एक याद जो मरती चली गई