@ameer-imam
Ameer Imam shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Ameer Imam's shayari and don't forget to save your favorite ones.
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ये कार-ए-ज़िंदगी था तो करना पड़ा मुझे
ख़ुद को समेटने में बिखरना पड़ा मुझे
बन के साया ही सही सात तो होती होगी
कम से कम तुझ में तिरी ज़ात तो होती होगी
चलते चलते ये गली बे-जान होती जाएगी
रात होती जाएगी सुनसान होती जाएगी
कोई ख़ुशी न कोई रंज मुस्तक़िल होगा
फ़ना के रंग से हर रंग मुत्तसिल होगा
नींद के बोझ से पलकों को झपकती हुई आई
सुब्ह जब रात की गलियों में भटकती हुई आई
मज़ीद इक बार पर बार-ए-गिराँ रक्खा गया है
ज़मीं जो तेरे उपर आसमाँ रक्खा गया है
शहर में सारे चराग़ों की ज़िया ख़ामोश है
तीरगी हर सम्त फैला कर हवा ख़ामोश है
ये किसी शख़्स को खोने की तलाफ़ी ठहरा
मेरा होना मिरे होने में इज़ाफ़ी ठहरा
ख़ुद को हर आरज़ू के उस पार कर लिया है
हम ने अब उस का साया दीवार कर लिया है
यूँ मिरे होने को मुझ पर आश्कार उस ने किया
मुझ में पोशीदा किसी दरिया को पार उस ने किया