@munawwar-rana
Munawwar Rana shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Munawwar Rana's shayari and don't forget to save your favorite ones.
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फिर किसी ने लक्ष्मी देवी को ठोकर मार दी
आज कूड़े दान में फिर एक बच्ची मिल गयी
दुनिया भी जैसे ताश के पत्तों का खेल है
जोकर के साथ रहती है रानी ही क्यों न हो
मुझे वो छोड़ जाना चाहता था
मगर कोई बहाना चाहता था
हम तो उसको देखने आये थे इतनी दूर से
वो समझता था हमें मेला बहुत अच्छा लगा
मैदान छोड़ देने से मैं बच तो जाऊँगा
लेकिन जो ये ख़बर मेरी माँ तक पहुँच गयी
जो उसने लिक्खे थे ख़त कापियों में छोड़ आए
हम आज उसको बड़ी उलझनों में छोड़ आए
इंसानों को जलवाएगी कल इस से ये दुनिया
जो बच्चा खिलौना भी ज़मीं पर नहीं रखता
रोना पड़ेगा बैठ के अब देर तक मुझे
मैं कहा रहा था आपसे, हँस कर न देखिए
दिखाते हैं पड़ोसी मुल्क आँखें तो दिखाने दो
कहीं बच्चों के बोसे से भी माँ का गाल कटता है
दिल ऐसा कि सीधे किये जूते भी बड़ों के
ज़िद इतनी कि ख़ुद ताज उठा कर नहीं पहना