मुनव्वर माँ के आगे यूँ कभी खुल कर नहीं रोना

मुनव्वर माँ के आगे यूँ कभी खुल कर नहीं रोना

जहाँ बुनियाद हो इतनी नमी अच्छी नहीं होती