@munawwar-rana
Munawwar Rana shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Munawwar Rana's shayari and don't forget to save your favorite ones.
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इस अह्द में हज़ार के नोटों की क़द्र है
गाँधी भी ख़ुश नहीं थे चवन्नी पे बैठकर
यादों की रेल आज वहीं आ के रुक गई
खेले थे हम जहाँ कभी पटरी पे बैठकर
उसकी तरफ़ से फूल भी आयेंगे एक रोज़
पत्थर उठा के चूम ले इसको पहल समझ
सज़ा कितनी बड़ी है गाँव से बाहर निकलने की
मैं मिट्टी गूँधता था अब डबलरोटी बनाता हूँ
न जाने कैसी महक आ रही है बस्ती से
वही जो दूध उबलने के बाद आती है
डरा-धमका के तुम हमसे वफ़ा करने को कहते हो
कहीं तलवार से भी पाँव का काँटा निकलता है
ये सच है नफ़रतों की आग ने सब कुछ जला डाला
मगर उम्मीद की ठण्डी हवाएँ रोज़ आती हैं
अब आपकी मर्जी है सँभालें न सँभालें
ख़ुश्बू की तरह आप के रूमाल में हम हैं
कोई चेहरा किसी को उम्र भर अच्छा नहीं लगता
हसीं है चाँद भी, शब भर मगर अच्छा नहीं लगता
कभी चाहत पे शक करते हुए ये भी नहीं सोचा
तुम्हारे साथ क्यों रहते अगर अच्छा नहीं लगता