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दुनिया भी जैसे ताश के पत्तों का खेल है

दुनिया भी जैसे ताश के पत्तों का खेल है

जोकर के साथ रहती है रानी ही क्यों न हो

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दुनिया भी जैसे ताश के पत्तों का खेल है — Munawwar Rana • ShayariPage