उस वक़्त भी अक्सर तुझे हम ढूँढ़ने निकले Munawwar Rana@munawwar-ranaउस वक़्त भी अक्सर तुझे हम ढूँढ़ने निकले जिस धूप में मज़दूर भी छत पर नहीं जाते