क्या करेंगे जानकर क्या नाम, क्या पहचान है
क्या करेंगे जानकर क्या नाम, क्या पहचान है
आप इतना जान लीजे वो हमारी जान है

@bhaskar-shukla
Contemporary poet of sher, ghazal, and nazm — weaving emotion and rhythm into words loved across the Hindi–Urdu world. Contemporary poet of sher, ghazal, and nazm — weaving emotion and rhythm into words loved across the Hindi–Urdu world. Contemporary poet of sher, ghazal, and nazm — weaving emotion and rhythm into words loved across the Hindi–Urdu world.
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क्या करेंगे जानकर क्या नाम, क्या पहचान है
आप इतना जान लीजे वो हमारी जान है
मुस्कुराहट ओढ़कर यूँ ही नहीं रहता हूँ मैं
झाँककर देखो कभी अंदर बहुत टूटा हूँ मैं
एक ख़्वाहिश मेरी ये भी थी कि दुनिया देखूँ
तू मगर साथ नहीं है तो भला क्या देखूँ
रखते अगर्चे आँख को हैं नम उदास लोग
अश्कों में ज़ाया करते नहीं ग़म उदास लोग
दिन गुज़रते हैं अब किताबों में
और रातें तुम्हारे ख़्वाबों में
शोर में आवाज़ मुदग़म क्यों करें
कर रहे हैं जो सभी हम क्यों करें
जिस किसी पर भी तेरा दर खुल गया है
ये समझ लीजे मुक़द्दर खुल गया है
कुछ एक की हम जैसी क़िस्मत होती है
बाकी सब की अच्छी क़िस्मत होती है