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GHAZAL

रखते अगर्चे आँख को हैं नम उदास लोग

रखते अगर्चे आँख को हैं नम उदास लोग

अश्कों में ज़ाया करते नहीं ग़म उदास लोग

चलता रहेगा जश्न-ए-उदासी तमाम शब

हैं मुद्दतों में आज फ़राहम उदास लोग

तुम चाहतों वाले कभी ख़ुश हो कभी दुखी

हम इश्क़ वाले लोग हैं हर दम उदास लोग

लाज़िम है अब कि आप ज़ियादा उदास हों

इस शहर में बचे हैं बहुत कम उदास लोग

मालिक भी ख़ुश नहीं है बनाकर ये कायनात

सो उसका साथ दे रहे हैं हम उदास लोग

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रखते अगर्चे आँख को हैं नम उदास लोग — Bhaskar Shukla • ShayariPage