@mirza-ghalib
Mirza Ghalib shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Mirza Ghalib's shayari and don't forget to save your favorite ones.
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आबरू क्या ख़ाक उस गुल की कि गुलशन में नहीं
है गरेबाँ नंग-ए-पैराहन जो दामन में नहीं
आ कि मिरी जान को क़रार नहीं है
ताक़त-ए-बेदाद-ए-इंतिज़ार नहीं है
दिल लगा कर लग गया उन को भी तन्हा बैठना
बारे अपनी बेकसी की हम ने पाई दाद याँ
दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँ
रोएँगे हम हज़ार बार कोई हमें सताए क्यूँ
धोता हूँ जब मैं पीने को उस सीम-तन के पाँव
रखता है ज़िद से खींच के बाहर लगन के पाँव
धमकी में मर गया जो न बाब-ए-नबर्द था
इश्क़-ए-नबर्द-पेशा तलबगार-ए-मर्द था
देखना क़िस्मत कि आप अपने पे रश्क आ जाए है
मैं उसे देखूँ भला कब मुझ से देखा जाए है
देख कर दर-पर्दा गर्म-ए-दामन-अफ़्शानी मुझे
कर गई वाबस्ता-ए-तन मेरी उर्यानी मुझे
दर-ख़ुर-ए-क़हर-ओ-ग़ज़ब जब कोई हम सा न हुआ
फिर ग़लत क्या है कि हम सा कोई पैदा न हुआ
दर्द से मेरे है तुझ को बे-क़रारी हाए हाए
क्या हुई ज़ालिम तिरी ग़फ़लत-शिआरी हाए हाए