@ali-zaryoun
Ali Zaryoun, born in 1983 in Faisalabad, is a versatile multilingual poet. Dive into his diverse Shayari collection, spanning Urdu, Hindi, Farsi, Punjabi, and English, and save your favorite verses.
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इस तरह से ना आजमाओ मुझे
उसकी तस्वीर मत दिखाओ मुझे
प्यार में जिस्म को यकसर न मिटा जाने दे
कुर्बत-ए-लम्स को गाली ना बना जाने दे
तूर-ए-सीना है सर करोगे मियां
अपने अंदर सफर करोगे मियां
आज भी तिनगी की क़िस्मत में
सम-ए-क़ातिल है सलसबील नहीं
नज़र अंदाज है घायल पड़े है
कई दरिया कई जंगल पड़े है
हो जिसे यार से तस्दीक़ नहीं कर सकता
वो किसी शेर की तज़हीक नहीं कर सकता
आसान तो ये कार-ए-वफ़ा होता नहीं है
कहने को तो कहते हैं किया होता नहीं है
लहजे में खनक बात में दम है तो करम है
गर्दन दर-ए-हैदर पे जो ख़म है तो करम है
उस मोहल्ले के सब घरों की खैर
और घरों में जले दियों की खैर
छूकर दर-ए-शिफा को शिफा हो गया हूं मैं
इस अरसा-ए-वबा में दुआ हो गया हूं मैं