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GHAZAL

जागना और जगा के सो जाना

जागना और जगा के सो जाना

रात को दिन बना के सो जाना

टेक्स्ट करना तमाम रात उसको

उँगलियों को दबा के सो जाना

आज फिर देर से घर आया हूँ

आज फिर मुँह बना के सो जाना

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जागना और जगा के सो जाना — Ali Zaryoun • ShayariPage