@munawwar-rana
Munawwar Rana shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Munawwar Rana's shayari and don't forget to save your favorite ones.
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तुम्हारा नाम आया और हम तकने लगे रास्ता
तुम्हारी याद आई और खिड़की खोल दी हमने
लिपट जाता हूँ माँ से और मौसी मुस्कुराती है
मैं उर्दू मे ग़ज़ल कहता हूँ हिंदी मुस्कुराती है
जहाँ से जी न लगे तुम वहीं बिछड़ जाना
मगर ख़ुदा के लिए बेवफ़ाई न करना
अभी ज़िंदा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा
मैं घर से जब निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है
इतनी तवक़्क़ुआत ज़माने को हमसे है
उतनी तो उम्र भी नहीं लाए लिखा के हम
सगी बहनों का जो रिश्ता रिश्ता है उर्दू और हिन्दी में
कहीं दुनिया की दो ज़िंदा ज़बानों में नहीं मिलता
चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है
मैं ने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है
ये सोच के माँ बाप की ख़िदमत में लगा हूँ
इस पेड़ का साया मिरे बच्चों को मिलेगा
किसी के ज़ख़्म पर चाहत से पट्टी कौन बाँधेगा
अगर बहनें नहीं होंगी तो राखी कौन बाँधेगा
हमारे कुछ गुनाहों की सज़ा भी साथ चलती है
हम अब तन्हा नहीं चलते दवा भी साथ चलती है