@mirza-ghalib
Mirza Ghalib shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Mirza Ghalib's shayari and don't forget to save your favorite ones.
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माना-ए-दश्त-नवर्दी कोई तदबीर नहीं
एक चक्कर है मिरे पाँव में ज़ंजीर नहीं
मैं उन्हें छेड़ूँ और कुछ न कहें
चल निकलते जो मय पिए होते
मैं और बज़्म-ए-मय से यूँ तिश्ना-काम आऊँ
गर मैं ने की थी तौबा साक़ी को क्या हुआ था
महरम नहीं है तू ही नवा-हा-ए-राज़ का
याँ वर्ना जो हिजाब है पर्दा है साज़ का
लूँ वाम बख़्त-ए-ख़ुफ़्ता से यक-ख़्वाब-ए-खुश वले
'ग़ालिब' ये ख़ौफ़ है कि कहाँ से अदा करूँ
लाज़िम था कि देखो मिरा रस्ता कोई दिन और
तन्हा गए क्यूँ अब रहो तन्हा कोई दिन और
लताफ़त बे-कसाफ़त जल्वा पैदा कर नहीं सकती
चमन ज़ंगार है आईना-ए-बाद-ए-बहारी का
लरज़ता है मिरा दिल ज़हमत-ए-मेहर-ए-दरख़्शाँ पर
मैं हूँ वो क़तरा-ए-शबनम कि हो ख़ार-ए-बयाबाँ पर
लाग़र इतना हूँ कि गर तू बज़्म में जा दे मुझे
मेरा ज़िम्मा देख कर गर कोई बतला दे मुझे
लब-ए-ख़ुश्क दर-तिश्नगी-मुर्दगाँ का
ज़ियारत-कदा हूँ दिल-आज़ुर्दगाँ का