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Gulzar shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Gulzar's shayari and don't forget to save your favorite ones.
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गुलों को सुनना ज़रा तुम सदाएँ भेजी हैं
गुलों के हाथ बहुत सी दुआएँ भेजी हैं
हम तो कितनों को मह-जबीं कहते
आप हैं इस लिए नहीं कहते
पेड़ के पत्तों में हलचल है ख़बर-दार से हैं
शाम से तेज़ हवा चलने के आसार से हैं
तिनका तिनका काँटे तोड़े सारी रात कटाई की
क्यूँ इतनी लम्बी होती है चाँदनी रात जुदाई की
मुझे अँधेरे में बे-शक बिठा दिया होता
मगर चराग़ की सूरत जला दिया होता
ओस पड़ी थी रात बहुत और कोहरा था गर्माइश पर
सैली सी ख़ामोशी में आवाज़ सुनी फ़रमाइश पर
गर्म लाशें गिरीं फ़सीलों से
आसमाँ भर गया है चीलों से
तुझ को देखा है जो दरिया ने इधर आते हुए
कुछ भँवर डूब गए पानी में चकराते हुए
जब भी आँखों में अश्क भर आए
लोग कुछ डूबते नज़र आए
ज़िक्र होता है जहाँ भी मिरे अफ़्साने का
एक दरवाज़ा सा खुलता है कुतुब-ख़ाने का