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Gulzar shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Gulzar's shayari and don't forget to save your favorite ones.
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वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर
आदत इस की भी आदमी सी है
ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा
आप के बाद हर घड़ी हम ने
आप के साथ ही गुज़ारी है
आइना देख कर तसल्ली हुई
हम को इस घर में जानता है कोई
शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आप की कमी सी है
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़
किसी की आँख में हम को भी इंतिज़ार दिखे
जिस की आँखों में कटी थीं सदियाँ
उस ने सदियों की जुदाई दी है
कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते
हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में
रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया