@dagh-dehlvi
Dagh Dehlvi shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Dagh Dehlvi's shayari and don't forget to save your favorite ones.
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ले चला जान मिरी रूठ के जाना तेरा
ऐसे आने से तो बेहतर था न आना तेरा
राह पर उन को लगा लाए तो हैं बातों में
और खुल जाएँगे दो चार मुलाक़ातों में
इन आंखों ने क्या क्या तमाशा न देखा
हक़ीक़त में जो देखना था न देखा
इस नहीं का कोई इलाज नहीं
रोज़ कहते हैं आप आज नहीं
तेरी सूरत को देखता हूँ मैं
उस की क़ुदरत को देखता हूँ मैं
अजब अपना हाल होता जो विसाल-ए-यार होता
कभी जान सदक़े होती कभी दिल निसार होता
ख़ातिर से या लिहाज़ से मैं मान तो गया
झूटी क़सम से आप का ईमान तो गया
फ़लक देता है जिन को ऐश उन को ग़म भी होते हैं
जहाँ बजते हैं नक़्क़ारे वहीं मातम भी होते हैं
सितम ही करना जफ़ा ही करना निगाह-ए-उल्फ़त कभी न करना
तुम्हें क़सम है हमारे सर की हमारे हक़ में कमी न करना
तमाशा-ए-दैर-ओ-हरम देखते हैं
तुझे हर बहाने से हम देखते हैं