@waseem-barelvi
Waseem Barelvi shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Waseem Barelvi's shayari and don't forget to save your favorite ones.
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हवेलियों में मिरी तर्बियत नहीं होती
तो आज सर पे टपकने को छत नहीं होती
कहाँ सवाब कहाँ क्या अज़ाब होता है
मोहब्बतों में कब इतना हिसाब होता है
तू समझता है कि रिश्तों की दुहाई देंगे
हम तो वो हैं तिरे चेहरे से दिखाई देंगे
तुम्हारी राह में मिट्टी के घर नहीं आते
इसी लिए तो तुम्हें हम नज़र नहीं आते
सभी का धूप से बचने को सर नहीं होता
हर आदमी के मुक़द्दर में घर नहीं होता
उदासियों में भी रस्ते निकाल लेता है
अजीब दिल है गिरूँ तो सँभाल लेता है
तहरीर से वर्ना मिरी क्या हो नहीं सकता
इक तू है जो लफ़्ज़ों में अदा हो नहीं सकता
क्या बताऊँ कैसा ख़ुद को दर-ब-दर मैं ने किया
उम्र-भर किस किस के हिस्से का सफ़र मैं ने किया
नहीं कि अपना ज़माना भी तो नहीं आया
हमें किसी से निभाना भी तो नहीं आया
हम अपने आप को इक मसअला बना न सके
इसी लिए तो किसी की नज़र में आ न सके