@khumar-barabankvi
Khumar Barabankvi shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Khumar Barabankvi's shayari and don't forget to save your favorite ones.
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न हारा है इश्क़ और न दुनिया थकी है
दिया जल रहा है हवा चल रही है
ये कहना था उन से मोहब्बत है मुझ को
ये कहने में मुझ को ज़माने लगे हैं
तेरे दर से जब उठ के जाना पड़ेगा
ख़ुद अपना जनाज़ा उठाना पड़ेगा
वही फिर मुझे याद आने लगे हैं
जिन्हें भूलने में ज़माने लगे हैं
रात बाक़ी थी जब वो बिछड़े थे
कट गई उम्र रात बाक़ी है
हुस्न जब मेहरबाँ हो तो क्या कीजिए
इश्क़ के मग़्फ़िरत की दुआ कीजिए
फूल कर ले निबाह काँटों से
आदमी ही न आदमी से मिले
ऐसा नहीं कि उन से मोहब्बत नहीं रही
जज़्बात में वो पहली सी शिद्दत नहीं रही
भूले हैं रफ़्ता रफ़्ता उन्हें मुद्दतों में हम
क़िस्तों में ख़ुद-कुशी का मज़ा हम से पूछिए
इक पल में इक सदी का मज़ा हम से पूछिए
दो दिन की ज़िंदगी का मज़ा हम से पूछिए