ख़ुदा बचाए तिरी मस्त मस्त आँखों सेKhumar Barabankvi@khumar-barabankviख़ुदा बचाए तिरी मस्त मस्त आँखों सेफ़रिश्ता हो तो बहक जाए आदमी क्या है