भूले हैं रफ़्ता रफ़्ता उन्हें मुद्दतों में हम

भूले हैं रफ़्ता रफ़्ता उन्हें मुद्दतों में हम

क़िस्तों में ख़ुद-कुशी का मज़ा हम से पूछिए