@jawwad-sheikh
Jawwad Sheikh shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Jawwad Sheikh's shayari and don't forget to save your favorite ones.
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नहीं कि पंद-ओ-नसीहत का क़हत पड़ गया है
हमारी बात में बरकत का क़हत पड़ गया है
मिरे हवास पे हावी रही कोई कोई बात
कि ज़िंदगी से सिवा ख़ास थी कोई कोई बात
नहीं ऐसा भी कि यकसर नहीं रहने वाला
दिल में ये शोर बराबर नहीं रहने वाला
इश्क़ ने जब भी किसी दिल पे हुकूमत की है
तो उसे दर्द की मेराज इनायत की है
करेगा क्या कोई मेरे गले-सड़े आँसू
तो क्यूँ न सूख ही जाएँ पड़े पड़े आँसू
दरगुज़र जितना किया है वही काफ़ी है मुझे
अब तुझे क़त्ल भी कर दूँ तो मुआफ़ी है मुझे
तो क्या इक हमारे लिए ही मोहब्बत नया तजरबा है
जिसे पूछिए वो कहेगा कि जी हाँ बड़ा तजरबा है
तो क्या ये आख़िरी ख़्वाहिश है अच्छा भूल जाऊँ
जहाँ भी जो भी है तेरे अलावा भूल जाऊँ
मेरा ख़ज़ाना ज़माने के हाथ जा न लगे
तुझे किसी की किसी को तेरी हवा न लगे