@murli-dhakad
Murli Dhakad shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Murli Dhakad's shayari and don't forget to save your favorite ones.
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मेरे नशेमन में किसी तरह का अंधेरा नहीं है
उस ख़्वाब में न जी पाऊंगा जो मेरा नहीं है
साकिया तेरे इस जहाँ में क्या मिलेगा
बहुत ढूंढूंगा तो खुदा मिलेगा
ये कैसा तजुर्बा है कि दिल जलाने पे अक्सर
अंधेरा छा जाता है रोशनी नही होती
जीना कहते हैं जिसे है तमाशा करना
जैसे नशे में हो फिर से नशा करना
ये हमें किसने वर्चस्व की लड़ाई दी
जो है ही नहीं उसे खोते हम हैं
सुंदर कोयल सुंदर कागा सुंदर मृग के नैन
भागे 'रिंद' दौड़ता जाए दिवस दिखे ना रैन
अपने इरादों को अपनी जेब में रखा है
टटोलते टटोलते आस्तीन फट गई है
ख़ाक हुआ तो वजूद फिर से मिट्टी के साथ बाँधा गया
मैं वो बदनसीब पत्थर था जो चिट्ठी के साथ बाँधा गया
किधर जा रहा है जुगनू शाम उठाए
इधर बैठा हूँ मैं जाम उठाए