@ali-zaryoun
Ali Zaryoun, born in 1983 in Faisalabad, is a versatile multilingual poet. Dive into his diverse Shayari collection, spanning Urdu, Hindi, Farsi, Punjabi, and English, and save your favorite verses.
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मुझे बातें नहीं तेरी मोहब्बत चाहिए थी
मुझे अफ़सोस है ये मुझको कहना पड़ रहा है
जागना और जगा के सो जाना
रात को दिन बना के सो जाना
ख़याल में भी उसे बे-रिदा नहीं किया है
ये ज़ुल्म मुझसे नहीं हो सका नहीं किया है
ये बद-तमीज़ अगर तुझ से डर रहे हैं तो फिर
तुझे बिगाड़ के मैंने बुरा नहीं किया है
सब कर लेना लम्हे ज़ाया मत करना
ग़लत जगह पर जज़्बे ज़ाया मत करना
इस तरह से न आज़माओ मुझे
उसकी तस्वीर मत दिखाओ मुझे
मैंने बोला था याद मत आना
झूठ बोला था याद आओ मुझे
तू जो हर रोज़ नए हुस्न पे मर जाता है
तू बताएगा मुझे इश्क़ है क्या जाने दे
तन्हा ही सही लड़ तो रही है वो अकेली
बस थक के गिरी है अभी हारी तो नहीं है
ये तू जो मोहब्बत में सिला माँग रहा है
ऐ शख़्स तू अंदर से भिकारी तो नहीं है