@muneer-niyazi
Muneer Niyazi shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Muneer Niyazi's shayari and don't forget to save your favorite ones.
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किसी को अपने अमल का हिसाब क्या देते
सवाल सारे ग़लत थे जवाब क्या देते
ख़याल जिस का था मुझे ख़याल में मिला मुझे
सवाल का जवाब भी सवाल में मिला मुझे
हवा जब चली फड़फड़ा कर उड़े
परिंदे पुराने महल्लात के
आ गई याद शाम ढलते ही
बुझ गया दिल चराग़ जलते ही
इक और दरिया का सामना था 'मुनीर' मुझ को
मैं एक दरिया के पार उतरा तो मैं ने देखा
मैं तो 'मुनीर' आईने में ख़ुद को तक कर हैरान हुआ
ये चेहरा कुछ और तरह था पहले किसी ज़माने में
आदत सी बना ली है तुमने तो 'मुनीर' अपनी
जिस शहर में भी रहना उकताए हुए रहना
जानता हूँ एक ऐसे शख़्स को मैं भी 'मुनीर'
ग़म से पत्थर हो गया लेकिन कभी रोया नहीं
आवाज़ दे के देख लो शायद वो मिल ही जाए
वर्ना ये उम्र भर का सफ़र राएगाँ तो है
शहर का तब्दील होना शाद रहना और उदास
रौनक़ें जितनी यहाँ हैं औरतों के दम से हैं