@akbar-allahabadi
Akbar Allahabadi shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Akbar Allahabadi's shayari and don't forget to save your favorite ones.
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कहाँ वो अब लुत्फ़-ए-बाहमी है मोहब्बतों में बहुत कमी है
चली है कैसी हवा इलाही कि हर तबीअत में बरहमी है
रंग-ए-शराब से मिरी निय्यत बदल गई
वाइज़ की बात रह गई साक़ी की चल गई
न रूह-ए-मज़हब न क़ल्ब-ए-आरिफ़ न शाइ'राना ज़बान बाक़ी
ज़मीं हमारी बदल गई है अगरचे है आसमान बाक़ी
आज आराइश-ए-गेसू-ए-दोता होती है
फिर मिरी जान गिरफ़्तार-ए-बला होती है
फिर गई आप की दो दिन में तबीअ'त कैसी
ये वफ़ा कैसी थी साहब ये मुरव्वत कैसी
क्या जानिए सय्यद थे हक़ आगाह कहाँ तक
समझे न कि सीधी है मिरी राह कहाँ तक
उम्मीद टूटी हुई है मेरी जो दिल मिरा था वो मर चुका है
जो ज़िंदगानी को तल्ख़ कर दे वो वक़्त मुझ पर गुज़र चुका है
तिरी ज़ुल्फ़ों में दिल उलझा हुआ है
बला के पेच में आया हुआ है
हर क़दम कहता है तू आया है जाने के लिए
मंज़िल-ए-हस्ती नहीं है दिल लगाने के लिए
दर्द तो मौजूद है दिल में दवा हो या न हो
बंदगी हालत से ज़ाहिर है ख़ुदा हो या न हो