Shayari Page
SHER

उस के ख़त रात भर यूँ पढ़ता हूँ

उस के ख़त रात भर यूँ पढ़ता हूँ

जैसे कल इम्तिहान हो मेरा

Comments

Loading comments…
उस के ख़त रात भर यूँ पढ़ता हूँ — Zubair Ali Tabish • ShayariPage