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SHER

तेरे ख़त आज लतीफ़ों की तरह लगते हैं

तेरे ख़त आज लतीफ़ों की तरह लगते हैं

ख़ूब हँसता हूँ जहाँ लफ़्ज-ए-वफ़ा आता है

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