SHER•9/9/2020तेरे ख़त आज लतीफ़ों की तरह लगते हैंBy Zubair Ali TabishLikeShareReportHindiEnglishतेरे ख़त आज लतीफ़ों की तरह लगते हैं ख़ूब हँसता हूँ जहाँ लफ़्ज-ए-वफ़ा आता है